मंगलवार, दिसंबर 29, 2009

इडियट की डायरी

जनाब इडियट आज बनने और बनाने का जमाना है जो जीतना बड़ा इडियट है वो उतना ही ज्यादा सफल है ..यह इडियट बनाने का सगल नया नहीं है.. हमारे आदरनिये महात्मा गाँधी जी ने भी अपने तीन इडियट के सहारे जीवन की बड़ी सीख दी थी आज हमारे आमीर साहब है आल इज वेल के नए फलसफे के साथ....इस नए इडियट बनाने के खेल मे ...वो भी उसी तीन इडियट के सहारे कुछ नया दे कर चर्चा मे है... भाई देना भी चाहिए ..."मंगल पाण्डेय" ने "लगान " तो माफ़ करा ही दिया था अब ये इडियट आल इज वेल के नए फार्मूले से लोगों को सिकंदर बना रहे है कभी मुन्ना भाई भी नए ज़माने मे गाँधी बनकर पता नहीं कितनो को इडियट बनाया ....लोगो ने गांधीगिरी कितना की यह तो पता नहीं पर हमसब इडियट बनकर उन फिल्मकारों को मालामाल कर दीये. आप बताये आखिर कौन इडियट हुआ हम या वो ?????यह इडियट का नया ठीकाना है आये कुछ लिखे प्रतिक्रिया दे....शायद इससे इडियट का कुछ भला हो....